सोमवार, 11 जुलाई 2016

अभिव्यन्जनाएं



दो शब्द ....
जीवन, मृत्यु 
मध्य समस्त
अभिव्यन्जनाएं
ज्ञात, अज्ञात
गद्य, पद्य ll



उत्पल कान्त मिश्र 
मुंबई 
११.०७.२०१६ 




2 टिप्‍पणियां:

payal agarwal ने कहा…

Do shabd..sab kuch keh diya aapne! aadi se ant tak, poora saar samjha diya, vistaarpoorvak. :)

उत्पल कान्त मिश्रा "नादां" ने कहा…

पायल ! ये तो बहुत ज्यादा शब्द हो गए ! विस्तार तो बस एक शब्द में है .. ॐ :)